International Journal of Jyotish Research

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ISSN: 2456-4427

2019, Vol. 4 Issue 1, Part A
वेदों में पारिवारिक मूल्यों का महत्त्व
Author(s): à¤¡à¤¾à¥…. देवेश प्रकाश आर्य
Abstract: 
संसार के समस्त प्राणियों में मनुष्य ही सर्वश्रेष्ठ प्राणी है, इसी सर्वोत्तम रचना के साथ इसे जो शक्तियाँ प्राप्त हैं वह अन्य प्राणी को प्राप्त नहीं है, मनन, चिंतन, विवेक, विश्वहित चिंतन, सर्वोन्नति के साथ समग्र परिवार की कामना हमारे पारिवारिक मूल्यों को सुदृढ़ करती है यही वेद का वेदत्व है।
परिवार में सुखी जीवन के साथ परिवार के सभी सदस्यों में प्रेमभाव की उत्पत्ति का भी वेदों में अति महत्त्वपूर्ण वर्णन है। परिवार एक प्रकार से राष्ट्र और समाज का संक्षिप्त रूप है इसमें पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी, भाई-बहिन, आदि सभी समन्वित हैं। एक सुन्दर और सुव्यवस्थित परिवार स्वर्ग है और एक विकृत और अव्यवस्थित परिवार नरक है इसलिए वेदों में प्राप्त पारिवारिक मूल्यों की शिक्षाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की जा रही है।
Pages: 27-30  |  1286 Views  136 Downloads
How to cite this article:
डाॅ. देवेश प्रकाश आर्य. वेदों में पारिवारिक मूल्यों का महत्त्व. Int J Jyotish Res 2019;4(1):27-30.
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