Red Paper
International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research

ISSN: 2456-4427, Impact Factor (RJIF): 5.64

Peer Reviewed Journal

2023, Vol. 8 Issue 1, Part A
फलित में द्वादशांशवर्ग कुण्डली पर विवेचना
Author(s): मंजू वर्मा, डॉ. कमलेश माथुर
Abstract: ग्रहों के बलाबल विचार में वर्ग कुण्डली अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। कोई ग्रह जितने अधिक वर्गों में शुभ स्थान पर विराजमान होता है वह उतना ही शुभफल दायक माना जाता है। द्वादशांश का सम्यक ज्ञान फल कथन में सहायक होता है। फल कथन में द्वादशांश वर्ग से माता-पिता के सुख, वियोनि जन्म, आयु निर्णय, भाग्य, कर्मठता, परोपकार की प्रवृत्ति, अशुभ कुम्भ का वर्ग इत्यादि से सम्बन्धित शुभाशुभ फलों का विचार किया जाता है। बृहज्जातकम्, सारावली, मानसागरी, फलदीपिका इत्यादि ग्रंथों में द्वादशांश फल कथन विवरण मिलता है।
Pages: 48-51  |  1016 Views  235 Downloads
How to cite this article:
मंजू वर्मा, डॉ. कमलेश माथुर. फलित में द्वादशांशवर्ग कुण्डली पर विवेचना. Int J Jyotish Res 2023;8(1):48-51.
International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research
Call for book chapter