2023, Vol. 8 Issue 1, Part A
फलित में दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤¾à¤‚शवरà¥à¤— कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ पर विवेचना
Author(s): मंजू वरà¥à¤®à¤¾, डॉ. कमलेश माथà¥à¤°
Abstract: गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के बलाबल विचार में वरà¥à¤— कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ होती हैं। कोई गà¥à¤°à¤¹ जितने अधिक वरà¥à¤—ों में शà¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर विराजमान होता है वह उतना ही शà¥à¤à¤«à¤² दायक माना जाता है। दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤¾à¤‚श का समà¥à¤¯à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ फल कथन में सहायक होता है। फल कथन में दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤¾à¤‚श वरà¥à¤— से माता-पिता के सà¥à¤–, वियोनि जनà¥à¤®, आयॠनिरà¥à¤£à¤¯, à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯, करà¥à¤®à¤ ता, परोपकार की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿, अशà¥à¤ कà¥à¤®à¥à¤ का वरà¥à¤— इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ शà¥à¤à¤¾à¤¶à¥à¤ फलों का विचार किया जाता है। बृहजà¥à¤œà¤¾à¤¤à¤•à¤®à¥, सारावली, मानसागरी, फलदीपिका इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ गà¥à¤°à¤‚थों में दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤¾à¤‚श फल कथन विवरण मिलता है।
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मंजू वरà¥à¤®à¤¾, डॉ. कमलेश माथà¥à¤°. फलित में दà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¶à¤¾à¤‚शवरà¥à¤— कà¥à¤£à¥à¤¡à¤²à¥€ पर विवेचना. Int J Jyotish Res 2023;8(1):48-51.