2023, Vol. 8 Issue 2, Part D
शास्त्रीय दृष्टि में गुरुकुल शिक्षा पद्धति
Author(s): डॉ. जय प्रकाश द्विवेदी
Abstract: गुरुकुलों में पढाए जाने वाले वैदिकी शिक्षा में जहाँ पर “मातृदेवो भव” पितृदेवो भव “ आचार्यदेवो भव” अतिथिदेवो भव” की शिक्षा दी जाती थी वही पर आज के अंग्रेजी स्कूलों में इन शिक्षाओं का सतत् अभाव दिखता है इस बात से सभी अभिभावक लोग दु:खी है। हम इतने असफल कैसे होते जा रहें हैं? किसी भी समाज की स्थिति का अनुमान वहां के शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति से लगाया जा सकता है। आज हम इसमें बहुत असफल हैं। हमने स्कूल और कॉलेज तो बना लिए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए इसका निर्माण हुआ उसकी पूर्ति के योग्य इंसान और सिस्टम नहीं बना पाए।जब आप अपने देश का इतिहास पढ़ेंगे तो आप गर्व भी महसूस करेंगे और रोएंगे भी क्योंकि आपने जो गवां दिया है वो पैसों रुपयों से नहीं खरीदा जा सकता! हमें एक बड़े पुनर्जागरण की जरूरत है। जनता जब तक नहीं जागती हम अपनी विरासत को कभी पुनः हासिल नहीं कर पाएंगे ।
अत: हम अपने भारत के अतीत गौरवशाली इतिहास को पुन: गुरुकुलों के शिक्षण प्रणाली में जुडकर अपने देश की खोई प्रतिष्ठा को लौटाने का प्रयास करे। सच्चा मानव बनकर एक सच्चा देशभक्त बनें।
How to cite this article:
डॉ. जय प्रकाश द्विवेदी. शास्त्रीय दृष्टि में गुरुकुल शिक्षा पद्धति. Int J Jyotish Res 2023;8(2):294-300.