International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research

ISSN: 2456-4427

2024, Vol. 9 Issue 2, Part A
हस्तरेखा शास्त्र के संबंध में अभिनय, कला और फिल्मी क्षेत्र में सफल होने के योग पर एक अध्ययन
Author(s): Gurvinder Singh Matharu
Abstract: हस्तरेखा विज्ञान या काइरोमेसी, हस्तरेखा पढ़ने का अभ्यास दुनिया भर में किया जाता है, जिसकी जड़े भारतीय ज्योतिष में भाग्य बताने वाली हैं। इस शोध का उद्देश्य किसी व्यक्ति के हाथ का अध्ययन करके उसके अभिनय, कला, फिल्मी क्षेत्र के प्रति उसकी रुचि, व्यवसाय और उसमें सफलता का मूल्यांकन करना है। हस्तरेखा शास्त्र प्राचीनकाल से ही लोकप्रिय है। हस्तरेखा विज्ञान में मानव की रुचि को दर्शाने वाले पाषाण युग के उदाहरण मौजूद हैं। हमारे वेदों में भी हस्तरेखा विश्लेषण की जानकारी उपलब्ध है। यह क्षेत्र अभी तकनीकी रूप से समृद्ध नहीं है, मानव हथेलियों में पर्वतों के रूप में कुछ सामान्य विशेषताएं होती हैं जिन्हें ग्रह कहा जाता है। ग्रह के अनुरूप उंगलियों की लंबाई उस व्यक्ति के लिए उस ग्रह की ताकत का प्रतिनिधित्व करती है। प्रत्येक ग्रह के अपने पूर्वनिर्धारित गुण होते हैं और जब किसी व्यक्ति पर ग्रह का शासन होता है, तो उसे ग्रह के गुण विरासत में मिलते हैं। ग्रहों के अलावा व्यक्ति की हथेली की चैड़ाई-लंबाई का अनुपात और उंगली की लंबाई, अंगूठे का प्रकार, अंगूठे का कोण भी व्यक्ति के गुणों और उसके स्वभाव के बारे में बताता है। रेखायें उस व्यक्ति के जीवन में कौन सी घटना किस काल में घटेगी इस बात की प्रत्यक्ष जानकारी देती है। हस्तरेखा विज्ञान की मदद से कोई भी किसी के व्यकित्व, उसकी विशेषतओं, छिपे हुए कौशल, भाग्य और उसके लिए सबसे उपयुक्त पेशे के बारे में जान सकता है।
दो मुख्य प्रथाएँ हैं
पुरुषों का बायां हाथ वह है जिसके साथ वह पैदा हुए हैं, और दायां वह है जिसे उसने जीवन भर संचित किया है। महिलाओं के लिए यह विपरीत है।
आपका प्रमुख हाथ (वह हाथ जिसे आप अक्सर उपयोग करते हैं) आपका भविष्य निर्धारित करता है और आपका दूसरा, गैर-प्रमुख हाथ, अतीत या छिपे हुए लक्षणों को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
Pages: 09-11  |  336 Views  145 Downloads
How to cite this article:
Gurvinder Singh Matharu. हस्तरेखा शास्त्र के संबंध में अभिनय, कला और फिल्मी क्षेत्र में सफल होने के योग पर एक अध्ययन. Int J Jyotish Res 2024;9(2):09-11.
International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research

International Journal of Jyotish Research
Call for book chapter