International Journal of Jyotish Research

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ISSN: 2456-4427, Impact Factor (RJIF): 5.64

Peer Reviewed Journal

2024, Vol. 9 Issue 2, Part B
भावनातमक असंतुलन और अंकविज्ञान
Author(s): राम भज अग्रवाल, सैफाली बंसल
Abstract: अंकविज्ञानं एक विज्ञानं की श्रेणी में आता है और यह मानव जीवन के हर पहलु को प्रभावित करता है और इसका असर किसी भी मानव के पुरे जीवन काल में देखा जा सकता है । अंकविज्ञान के मानव जीवन पर प्रभाव पड़ने के शोध पहले से बहुतायत में मौजूद है । अंकविज्ञान मानवो के जीवन को सही तरह से जीने के लिए जिस प्रकार एक यन्त्र का काम करता है उसी प्रकार से "भावनात्मक असंतुलन और अंकविज्ञान" पर शौध करना भी अति आवशयक जान पड़ता है । हर एक अंक का ग्रह से सम्बन्ध है और उस ग्रह या अंक का मानव पर गहरा असर होता है तो यह जानना भी अति आवशयक है कि क्या मानव जब कभी भी अपने आप में भावनात्मक असंतुलन होते हुए देखता है तो उसके जीवन पर किस अंक या किस ग्रह का असर होता है । कारणों का पता लगाने से उस पर होने वाले दुष्प्रभावों को भी रोकना क्या संभव है इस का भी निवारण किया जायेगा ।
"भावनात्मक असंतुलन और अंक विज्ञानं "शौध के कार्य की प्रकर्ति में हम विभिन्न आयु वर्ग के मानवो का व्यक्तिगत लेखा जोखा इक्कट्ठा करने के पश्चात पूर्ण रूप से उसकी अंक विज्ञानं के अनुसार अध्यन करने के बाद इस शौध को एक अंजाम तक पहुंचाया जायेगा । प्रत्येक व्यक्तिगत अनुभवों को इक्कठा करने के पश्चात उसको अंकविज्ञान के "लोशु ग्रिड " के द्वारा अध्यन करने के पश्चात यह ज्ञात्त करने की कोशिस की जाएगी कि क्या - क्या ज्यादातर व्यक्तिगत जानकारियों में सामान्यतया किस ग्रहो या अंको का असर पाया गया है ।
बहुत सी व्यक्तिगत उपलब्ध जानकारियों के अनुसार उनमे भावनात्मक असंतुलन नहीं पाया जाता है तो यह भी इस विषय के शौध का एक मुख्य आधार होगा । जिन केस स्टडी में भावनात्मक असंतुलन नहीं पाया गया है तो उन पर कौन से ग्रह या अंक अपना प्रभाव रखते है जिन के कारण उन में भावनात्मक - असंतुलन नहीं पाया गया है तो उन पर कौन से ग्रह या अंक अपना प्रभाव रखते है जिन के कारण उन में भावनात्मक - असंतुलन नहीं पाया गया एवं वह एक ससक्त व्यक्तितत्व के मालिक है । ऐसे उधाहरणो में हम याग भी ज्ञात करने कि कोशिस करेंगे कि उन पर किस-किस अंक का प्रभाव अनुकूल है और किस - किस अंक का प्रभाव प्रतिकूल है ।
मानशिकअसंतुलन और अंकविज्ञान पर शोध से यह ज्ञात होता है कि इस विकार को अंकविज्ञान कि मदद से दूर किया जा सकता है।
Pages: 123-128  |  221 Views  106 Downloads
How to cite this article:
राम भज अग्रवाल, सैफाली बंसल. भावनातमक असंतुलन और अंकविज्ञान. Int J Jyotish Res 2024;9(2):123-128.
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