International Journal of Jyotish Research

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ISSN: 2456-4427

2024, Vol. 9 Issue 1, Part A
शनि तत्व विमर्श
Author(s): डॉ. बिपिन कुमार
Abstract: 
शनि काल पुरूष का दुःख कहा जाता है और इसे ग्रहो के मंत्रिमडल में सेवक का स्थान प्राप्त है। समाज में लोकतत्र का कारक है न्याय इसकी प्रवृत्ति है। इसलिए कठिन परिश्रम न्याय पूर्वक करने वाले व्यक्ति के लिए शनि हमेशा योग कारक होते है।
Pages: 01-05  |  610 Views  294 Downloads
How to cite this article:
डॉ. बिपिन कुमार. शनि तत्व विमर्श. Int J Jyotish Res 2024;9(1):01-05. DOI: 10.22271/24564427.2024.v9.i1a.207
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